Tuesday 3 November 2015

ऋतु संहार/ Ritu Sanhaar (Kaalidas) translated in Hindi by Muralidhar Kamalakaant


मित्रों , मुझे हमेशा से ही कविताओं से प्यार रहा है और यदि नाटक कविता के रूप में हो तो मेरे मन को भा जाता है । यह नाटक "ऋतु संहार" मैंने कक्षा आठ के छात्र -छात्राओं के साथ एसेम्बली प्रस्तुतीकरण के लिए किया । सभी को यह नाटक बहुत ही अच्छा लगा । इस नाटक के कथानक में गर्मी के संहार के बाद वर्षा ऋतु का आगमन बड़ा ही सुहाना लगता है । नाटककार ने सुन्दर शब्दों में और कविता के रूप में अपनी बात मोहक तरीके से सामने रखी है ।












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