Sunday 24 May 2015

Krishna - A musical in movement/श्रीकृष्ण … श्रीकृष्ण .... श्रीकृष्ण

                      श्रीकृष्ण … श्रीकृष्ण .... श्रीकृष्ण  

               Krishna - A musical in movement

यह नाटक कुछ साल पहले मैंने माध्यमिक मिश्रित समूह के अध्यापक और अध्यापिकाओं के साथ किया । मैंने कई संदर्भ पुस्तकों की सहायता से हिंदी में पूरी स्क्रिप्ट लिखी । मेरे मन में था कि श्रीकृष्ण की शिक्षा के साथ-साथ इस नाटक में सूरदास जी द्वारा लिखित उद्धव और गोपियों का संवाद और साहित्य अवश्य आए जिससे लोग साहित्य का पूरा आनंद लें । इस नाटक की विशेषता थी कि इसे चार भाषाओं में लिखा गया और अभिनीत किया गया । इस नाटक में करीब एक सौ दस छात्र -छात्राओं ने भाग लिया। इस नाटक के प्रस्तुतीकरण में करीब २५ अध्यापक और अध्यापिकाओं के साथ -साथ अभिभावकों ने भी भाग लिया जैसे कि किसी अभिभावक ने मंच की साज -सज्जा का जिम्मा लिया तो किसी ने छात्र-छात्राओं को नृत्य और भाव -भंगिमाएं सिखाईं । किसी अध्यापक ने मंच के लिए साजोसामान तैयार किया तो किसी ने गीतों को धुनों में अपने पूरे दल के साथ पिरोया । इस नाटक में सम्मिलित सभी गीतों की एक सी डी तैयार की गई जो सभी के लिए आज भी उपलब्ध है । इस नाटक को करते समय कई बाधाएं आईं और कई तरह के वाद -विवाद भी हुए फिर भी यह नाटक एक यादगार है । मैं अपने सभी सह अध्यापकों और अध्यापिकाओं की आभारी हूँ जिन्होंने मेरी मूल कथा को समझकर इस नाटक के कुछ भागों को कन्नड़, संस्कृत और अंग्रेजी भाषा में अनुवाद कर इस नाटक के रस को बरकरार रखा । आशा है कि पाठक वर्ग इस नाटक का पूरा आनंद उठाएगा । मुझे संदर्भ पुस्तकों के नाम याद नहीं हैं वरना मैं ज़रूर उनके नाम भी आपके साथ बांटती । बस इतना ही कहूंगी कि उन पुस्तकों के बिना इस नाटक की स्क्रिप्ट लिखना असम्भव था । इसलिए मैं उन पुस्तकों के लेखको और सभी कवियों का तहे दिल से धन्यवाद करती हूँ । 








































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