Tuesday 12 May 2015

Diwali, Id and Christmas Project Presentation/दीवाली, ईद और क्रिसमस (परियोजना प्रस्तुतीकरण) written by students

              दीवाली, ईद और क्रिसमस (परियोजना प्रस्तुतीकरण)


यह प्रस्तुतीकरण छात्र-छात्राओं के द्वारा लिखा गया और प्रार्थना सभा में अभिनीत  किया गया । यह प्रस्तुतीकरण छात्र-छात्राओं द्वारा विभिन्न धर्मों पर लिखी परियोजना पर आधारित था । इस परियोजना में छात्र-छात्राओं ने विभिन्न धर्मों के बारे में जानकारी इकट्ठा करने के साथ उनके बारे में लिखी गई कविताएं भी जमा कीं और स्वयं भी उन धर्मों पर कवितायेँ लिखीं । फिर इस परियोजना को स्क्रिप्ट रूप में लिखकर पेश किया । छात्र-छात्राओं ने धर्मों के त्यौहार  के अनुसार ही वेशभूषा पहनी थी जैसे कि - दीवाली - लड़कियाँ (घाघरा-चोली /सलवार-कमीज ) लड़के (पाजामा-कुरता), ईद- लड़कियाँ (चूड़ीदार -कुरता और दुपट्टा/ शरारा-कमीज़ और दुपट्टा) लड़के-(पाजामा-कुरता, शेरवानी और टोपी ), क्रिसमस- लड़कियाँ (पार्टी पोशाक) लड़के (पैंट-कमीज-टाई और बौ)।

छात्र १- दीवाली आई ! दीवाली आई !
            घर-घर लहर ख़ुशी की छाई !!
            आया जाड़ा लिए रज़ाई !
            हुई सफाई और पुताई !!
छात्र २- ठाँय ठाँय चलें पटाखे
            बच्चे हंसते बर्फी खाके  ।
            वन से राम इसी दिन आए !
             लोगों ने थे  दीप  जलाए !!
छात्र ३- दीयों ने धरती  चमकाई
            फूलों ने पूजा महकाई ।
             मिठाई और उपहारों से
             आपस में दी खूब बधाई ॥
छात्र १- आओ साथी दीप जलाएं
            बड़े प्यार से अँधियारे को
            नै रोशनी से नहलाएँ ।
छात्र २ - इस दीवाली , मन ही मन ये प्रण करेंगे
             प्रीत की ज्योति से हर दिल को        
             हम जगमग ज्योतिर्मय करेंगे ।
छात्र ३ - वैसे तो हर दिया अकेला  
              हरता है अंधियारा
              लेकिन मिलकर जलने से
              दुगुना होता है उजियारा ।
         
Student 1,2 & 3

Today's the triumph of Good over bad;

But what about the wastage in much ways?
True Joy is when you see someone else smile!
True charity gives joy in Heavenly style.

Student 4, 5 &6
Like the colour of silver in the night sky,
The new moon rises,
The holy month has past.
The fasting is over
Tomorrow is the great feast of Eid-Ul-Fitr.

All students
Eid mubarake, Eid mubarake 
Our Eid has come.
To bring us love.
To cherish our life.

छात्र ७ - क्रिसमस आया, क्रिसमस आया

             बच्चों का है मन ललचाया
             सेंटाक्लाज आएगा
             नए खिलौने लाएगा
             यीशु की ये याद का दिन है
             बच्चों का ये प्यार का दिन है ।

Student 8 & 9
C-is for the Christ child born upon this day.
H-is for Herald-angels in the night.
R-is our Redeemer.
I-means Israel
S-is for the star that shone so bright.
T-is for the 3 wise men, they who traveled so far.
M-is for the manager, where he lay.
A-is all he stands for.
S-means shepherds came.


छात्र ३- दीवाली, ईद और क्रिसमिस- इन तीनों त्योहारों पर हमने हिंदी भाषा में परियोजना बनाई । परियोजना में जानकारी के साथ-साथ हमने हिंदी और अंग्रेजी भाषा में इन त्योहारों पर लिखी गई कविताएँ भी इकट्ठी कीं । इन कविताओं की कुछ पंक्तियाँ  सबको हमने सुनाई हैं ।  जैसे कि  हम  सब जानते है कि भारत
त्योहारों का देश है । हर महीने हम सब कोई न कोई त्यौहार मनाते हैं । जैसे कि - जनवरी में मकर संक्रांति , फरवरी में बसंत पंचमी, मार्च में होली, अप्रैल में उगादि और बैशाखी आदि ।


छात्र २- दीवाली शरद ऋतु का त्यौहार है । हर जगह सफाई करने के कारण इसेइसे  "स्वच्छता का त्यौहार" भी कहते हैं ।

इसे मनाने के कई कारण हैं जैसे-रामचन्द्र जी का वनवास से अयोध्या लौटना, नरसिंह भगवान का हिरण्यकशिपु को मारना। भगवान महावीर और स्वामी रामतीर्थ को इसी दिन निर्वाण प्राप्त हुआ था। 

छात्र १- इस त्यौहार को पाँच दिन मनाया जाता है। ये दिन हैं-धनतेरस, नरकचतुर्दशी, अमावस्या, गोवर्धन पूजा और भैया दूज । 

धनतेरस पर नए बरतन खरीदने की रीतिहै। चतुर्दशी पर घर में सफाई करके चार दीप जलाते है। अमावस्या पर शाम के समय लक्ष्मी और गणेश पूजन करते हैं। गोवर्धन पूजा पर पशु-सम्पदा की पूजा करते हैं। भैया दूज पर बहन भाई के माथे पर तिलक लगाती है । 

छात्र ३- इस त्यौहार में आजकल कुछ बुराइयाँ दिखाई देती हैं जैसे कि छोटे बच्चों से पटाखे बनाने का काम कराया जाता है, आतिशबाजी और पटाखों को फोड़ने से प्रदूषण फैलता है। अंत में बस इतना ही हमें याद रखना चाहिए-

जलाओ दिए, पर रहे ध्यान इतना 

अँधेरा धरा पर कहीं रह न पाए । 

ईद मुस्लिम भाइयों का त्यौहार है। रमजान के बाद "ईद -उल-फितर " मनाते है। ईद का अर्थ है-"ख़ुशी" और फितर का अर्थ है - "दान"। 

ईद के दिन कुरानशरीफ की आयतें पढ़ी जाती हैम। मुस्लिम भाई दिन में पाँच बार नमाज़ पढ़ते है। ईद के दिन सब लोग गले मिलकर एक-दूसरे को मुबारकबाद देते हैं। आपस में कोई भेदभाव नहीं रखते। 

"ईद" पर मुंशी प्रेमचंद द्वारा लिखी कहानी "ईदगाह" हम सब के दिलों को छू लेती है । "हामिद" छोटा-सा बच्चा तीन पैसे लेकर ईदगाह जाता है। वहाँ पर वह अपने लिए कुछ भी नहीं खरीदता। वह पूरा दिन कुछ भी नहीं खाता-पीता । लौटते समय वह वहाँ से तीन पैसे का एक चिमटा अपनी दादी अमीना के लिए खरीद कर लाता है ताकि रोटी सेंकते समय दादी के हाथ न जले। हामिद की इस मौहब्बत को देखकर अमीना की आँखें भर आती हैं । वह हामिद को अपनी गोदी में बैठाकर दुआएँ देती जाती है। अपनी दादी अमीना के प्रति हामिद का यह प्यार और त्याग हमें भी त्याग और बलिदान का संदेश देता है । 

क्रिसमस पर "ईसामसीह" का जन्म हुआ था। यह त्यौहार पूरे सप्ताह मनाया जाता है। इस सप्ताह को "क्रिसमस सप्ताह" कहते हैम। पहले २५ दिसम्बर को "शरदोत्स्व" मनाते थे । पर ईसाई मत के प्रचार के बाद इसे "क्रिसमस दिवस" नाम दिया गया । 

ईसामसीह ने बहुत-सी अच्छी बातें मनुष्यों को सिखाईं। उन्होंने लोगों को शान्ति , नम्रता और प्रेम का संदेश दिया। एक बड़ी प्रसिद्ध कथा है - एक अनाथ स्त्री से बड़ा अपराध हो गया था। लोग उसे पत्थर मारकर सता  रहे थे ।  तभी वहाँ पर एक व्यक्ति आया और उसने सबसे प्रार्थना की-"इस स्त्री को वही व्यक्ति पत्थर मारे जिसने अपने जीवन में कोई पाप न किया हो।" सब लोगो के हाथ वहीं रुक गए । कहते हैं कि  यह व्यक्ति "ईसामसीह" थे । 

ईसामसीह ने अपने जीवन के अंतिम समय तक दु :ख सहा। परन्तु उन्होंने किसी भी शत्रु को बुरा-भला ने कहा बल्कि उनके लिए भी उन्होंने यह प्रार्थना की-"हे प्रभु, इन्हें क्षमा करना क्योंकि ये नहीं जानते कि  ये क्या कर रहे हैं?"

बच्चों के लिए यह त्यौहार ख़ुशी लेकर आता है । हर बच्चा विश्वास करता है कि  रात में सांताक्लॉज आता है और उनके लिए उपहार रख जाता है इसलिए बच्चे "क्रिसमिस ट्री " को बड़ी ख़ुशी से सजाते हैम। 

इस प्रकार इन सभी त्योहारों मे एक बात सामान है कि ये सभी त्यौहार हमें प्रेम, शान्ति, भाईचारे और सहनशीलता आदि मूल्यों को सिखाते हैं । 

इन त्योहारों पर हममें से कुछ ने कविताएं लिखी हैं । उन कविताओं की कुछ पंक्तियाँ हम आपको सुनाएंगे - 

ईद मुबारक ईद मुबारक 

ईद का दिन बहुत ख़ुशी वाला  

मुझे भी लड्डू, सेंवई दो 

मैं ख़ुशी से खाऊँगी । 


ईद के दिन हम तो यहीं दुआ करेंगे

अल्लाह आप पर यूँ ही मेहरबान रहे 

वह सारी खुशियाँ सारे सपने आप के पूरे करे

वह सब हकीकत में दे जो आप के ख्वाबों में हों 
ईद मुबारक!

दीवाली, दीवाली, है दीयों वाली 
सब लोग खाओ, मज़ेदार मिथाई। 
आज आई दीवाली निराली 
आज हमें पटाखों से है खेलना 
गुलाब जामुन, जलेबी है हमारा खाना । 

All students together-
Silent Night holy night

All is calm, all is bright
Round you virgin mother and child
Holy infant so tender and mild

Dashing Through the snow
In a one horse open sleigh
O'er the field we go
Laughing all the way
Bell on bobtails ring
Making spirit bright
Jingle all the way
What fun it is to
Ride and sing, a sleighing song
Hey jingle bells, jingle bells............

छात्र- अंत में , मैं बस इतना ही कहना चाहूंगी कि  हमें बिना भेदभाव के हर धर्म का त्यौहार ख़ुशी-ख़ुशी मनाना चाहिए क्योंकि हर त्यौहार का अपना अलग महत्त्व है और हर त्यौहार हमें मिल-जुलकर रहने की सीख देता है । 

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